इश्क़ का एहसास
राधा और आर्यन एक छोटे से कस्बे में रहते थे। दोनों की मुलाकात स्कूल के दिनों से थी, जब वे एक ही क्लास में पढ़ते थे। राधा हमेशा से शांत और समझदार थी, जबकि आर्यन शरारती और हंसमुख। क्लास के हर बच्चे को आर्यन से दोस्ती करना पसंद था, पर राधा कुछ अलग थी। उसे आर्यन की शरारतों से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता था।
एक दिन आर्यन ने राधा से कहा, "तुम हमेशा इतनी चुप क्यों रहती हो? ज़िंदगी में थोड़ा मज़ा भी ज़रूरी है!" राधा ने हल्की मुस्कान के साथ कहा, "मुझे चुप रहकर भी बहुत कुछ महसूस होता है।"
धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती बढ़ी। आर्यन अब राधा की खामोशी में भी उसकी भावनाओं को समझने लगा था। और राधा भी अब आर्यन की शरारतों में एक मासूमियत देखती थी।
समय बीतता गया और उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। एक दिन आर्यन ने हिम्मत जुटाकर राधा से कहा, "राधा, क्या तुम भी वही महसूस करती हो जो मैं करता हूं?" राधा ने हल्के से उसकी ओर देखा और कहा, "शायद तुमसे ज़्यादा।"
यह सुनकर आर्यन की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। वो दोनों जानते थे कि उनका प्यार सच्चा था, और उन्होंने हमेशा के लिए एक-दूसरे का साथ देने का वादा किया।