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HIV से कितना अलग है AIDS, डॉक्टर ने बताए इस खतरनाक बीमारी से जुड़े सभी सवालों के जवाब

 हाल ही में सामने आए संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों से पता चला कि दुनियाभर में करीब 4 करोड़ लोग HIV संक्रमित हैं। इतना ही नहीं इनमें से 90 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें इस वायरस के खिलाफ इलाज नहीं मिल जाता है। खुद भारत में लगभग 23 लाख से इस वायरस से संक्रमित हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस खतरनाक वायरस (HIV vs. AIDS) के बारे में जानकारी हो।

Hiv

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। देश के उत्तर पूर्वी राज्य त्रिपुरा में HIV के बढ़ते मामलों ने सभी को चिंता में डाल दिया है। बीते दिनों सामने आई त्रिपुरा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (TSACS) की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में साल अप्रैल 2007 से मई 2024 तक कुल 828 छात्र HIV पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से 47 छात्रों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं इस गंभीर वायरस को लेकर सामने आए संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों में खुलासा हुआ कि दुनियाभर में लगभग 4 करोड़ लोग HIV पॉजिटिव हैं।

भारत में डराने वाले आंकड़े

यह आंकड़े बेशक डराने वाले हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा डराने वाली बात यह है कि HIV पॉजिटिव इन लोगों में करीब 90 लाख लोगों को इस वायरस के खिलाफ इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से हर मिनट एड्स के कारण एक व्यक्ति की मौत हो रही है। अकेले भारत में 23 लाख से ज्यादा लोग इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा लोग महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना के हैं।

ऐसे में HIV और एड्स के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने सी के बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम में आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी की डायरेक्टर डॉ. आस्था दयाल से बातचीत की।

एचआईवी और एड्स में क्या अंतर है?

डॉक्टर आस्था बताती हैं कि एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) एक वायरस है, जो CD4 या टी-सेल्स को टारगेट करता है, जो बीमारियों और इन्फेक्शन से लड़ने के लिए जरूरी है। अगर समय रहते इलाज न किया जाए, तो एचआईवी धीरे-धीरे इम्युनिटी को खत्म कर सकता है।

वहीं, HIV संक्रमण का सबसे लास्ट स्टेज AIDS (Acquired Immunodeficiency Syndrome) कहलाता है। यह एक गंभीर स्थिति में जिसमें हमारे शरीर में फाइटर सेल्स यानी WBC की संख्या बहुत कम हो जाती है और फिर इलाज करना काफी मुश्किल हो जाता है। आसान शब्दों में समझें तो एचआईवी आगे चलकर एड्स में बदल जाता है, जो एक ऐसी स्थिति जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है।

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इसके लक्षण क्या है?

एचआईवी के लक्षण और संकेत

शुरुआती चरण में एक्यूट एचआईवी संक्रमण में बुखार, गले में खराश, दाने, लिम्फ नोड्स में सूजन और मांसपेशियों में दर्द आदि फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। वहीं, इसके क्रोनिक स्टेज (क्लिनिकल लेटेंसी) में वायरस अभी भी इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है, भले ही इसमें कोई लक्षण नजर न आते तो, तब भी।

एड्स के लक्षण

  • निमोनिया
  • रात में पसीना आना
  • वजन में तेजी से कमी
  • लंबे समय तक दस्त रहना
  • लंबे समय तक बुखार रहना
  • जेनिटल्स या मुंह के घाव होना
  • न्यूरोलॉजिकल डिजीज, जैसे मेमोरी लॉस
  • त्वचा पर धब्बे जो लाल, भूरे, गुलाबी या बैंगनी रंग के होते हैं।

शरीर को कैसे प्रभावित करता HIV?

डॉक्टर बताते हैं कि सीडी4 यानी टी-सेल्स संक्रमण से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम की क्षमता के लिए जरूरी हैं, लेकिन एचआईवी इन सीडी4 सेल्स को टारगेट करता है और शरीर पर प्रभाव डालने के लिए उन्हें खत्म कर देता है। इन सेल्स में कमी की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे शरीर संक्रमण और कुछ प्रकार के कैंसर के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हो जाता है।

ऐसे में इलाज के बिना लंबे समय तक रहने की समय से HIV, एड्स में विकसित हो जाता है, जो एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें शरीर का डिफेंस मेकेनिज्म गंभीर रूप से प्रभावित हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और संक्रमण होते हैं।

HIV से बचाव कैसे करें?

एड्स से बचने के लिए जरूरी है कि HIV से अपना बचाव किया जाए और इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी है-

  • सुरक्षित यौन संबंध के लिए कंडोम का इस्तेमाल करें।
  • समय-समय पर अपना टेस्ट करवाएं और सुनिश्चित करें कि आपका पार्टनर भी एचआईवी से बचाव के लिए टेस्ट करवाएं।
  • सुई या अन्य नशीली दवाओं के सीरिंज साझा करने से बचें।
  • प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस या PrEP एक दवा है, जो हाई रिस्क वाले व्यक्तियों में इन्फेक्शन के खतरे को कम करती है।
  • एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) प्रेग्नेंट महिलाओं में विकासशील बच्चे में एचआईवी फैलने से रोक सकती है।

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