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सही मात्रा के साथ सही नमक का चुनाव बचाएगा हाई ब्लड प्रेशर के साथ कई गंभीर बीमारियों से

 खानपान में नमक का इस्तेमाल हम अपने स्वाद के अनुसार करते हैं सेहत को इससे क्या फायदे- नुकसान हो सकते हैं इस पर कम ही ध्यान जाता है। जबकि नमक का बहुत ज्यादा सेवन ब्लड प्रेशर के साथ ही हार्ट से जुड़ी बीमारियों का भी खतरा बढ़ा सकता है। इसलिए अपनी डाइट में नमक का सोच- समझकर इस्तेमाल करना चाहिए।

1. सफेद या समुद्री नमक (Table Salt)

ज्यादातर घरों में इसी नमक का इस्तेमाल किया जाता है, इसके दाने एकदम बारीक होते हैं। समुद्र के पानी को इकट्ठा कर उसे भाप बनाकर उड़ाया जाता है। इसके बाद जो चीज बचती है उससे इस नमक को तैयार किया जाता है। प्रोसेसिंग से पहले ये भूरे रंग का होता है और साथ ही इतना बारीक भी नहीं होता। प्रोसेसिंग के दौरान इसमें कुछ केमिकल मिलाए जाते हैं, जिस वजह से इसे सफेद रंग मिलता है और साथ ही साथ ये बारीक भी हो जाता है।   

2. सेंधा नमक (Rock Salt)

सिंध इलाके में मौजूद हिमालय से यह नमक निकाला जाता है, इस वजह से इसे हिमालयन, सेंधा और पिंक साल्ट के नाम से भी जाना जाता है। वैसे इसे लाहौरी नमक भी कहते हैं। यह नमक हल्के गुलाबी रंग का होता है। सेंधा नमक पाचन क्रिया को आसान बनाने का काम करता है। इसके अलावा खानपान में इसके इस्तेमाल से सीने में जलन, कब्ज, सूजन जैसी समस्याएं नहीं होतीं।

3. काला नमक (Black Salt)

काला नमक कुदरती नहीं है। मतलब जिस रूप में इसे प्राप्त किया जाता है, उस रूप में हम नहीं खाते। वैसे आपको बता दें कि यह सेंधा नमक से ही बनता है। इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में लाया जाता है और फिर इसे भट्टी में तैयार किया जाता है। पानी में आंवला, हरड़ के बीज को मिलाकर भट्टी में गर्म किया जाता है। लगभग 3 से 4 घंटे तक गर्म करने के बाद यह नमक तैयार होता है। गर्म होने की वजह से इसका रंग काला हो जाता है। काला नमक भी पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर करता है। मांसपेशियों की ऐंठन से राहत दिलाता है, सीने में होने वाली जलन के साथ वजन घटाने में भी सहायक होता है।


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